बुधवार, 28 अप्रैल 2021

छाती और गले की बीमारी का इलाज

 गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो,इसका सबसे अच्छा उपचार है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारी में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस मुह खोल कर मुंह  में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी लार के साथ गले में नीचे उतर जाए  ; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने की जरुरत नही । ये छोटे बच्चो को तो जरुर करना चाहिए; बच्चों को टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देती है न तो हम ऑपरेशन करवा के उनको कटवाते है ; लेकिन हल्दी खिलाने से वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक हो जाए गा ।


गले और छाती से जुडी  कुछ बीमारिया है जैसे खासी, इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुरंत ही ठीक हो जाता है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दावा है अदरक , ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और चॉकलेट की तरह चुसो खासी अत्यंत बंध हो जाएगी । अगर किसीको खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो और उसमे थोड़ा गुड़ या शहद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंध हो जाएगी । और एक उपचार है , अनार का रस गर्म करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है । काली मिर्च को मुंह  में रख के चबा चबा कर खा लो , और उसके बाद गर्म पानी पी लो तो खासी बंध हो जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंद हो जाती है ।

छाती की कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे अच्छा उपचार है गौ मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सुबह का ताजा ताजा तो दमा ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और गोमूत्र पिने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार 5-6 महीने पीना पड़ता है, दमा और अस्थमा की एक और अच्छी दवा है वह है दालचीनी, इसका पाउडर को सुबह खाली पेट आधा चम्मच गुड या शहद के साथ लेने से दमा अस्थमा जल्द ही ठीक हो जाता है।  

यह पोस्ट सिर्फ जानकारी के लिए है,इस प्रयोग को करने से पहले अपने चिकत्सक से सलाह जरूर लें।                            




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